तन के इस कुरुक्षेत्र में,
मन अर्जुन है जान ।
गोविन्द ही हैं आत्मा,
यह भी गीता-ज्ञान ।।1।।
सुखी रहो आनन्द में,
जीओ बरस हजार ।
तुम ऐसे फूलो-फलो
जैसे भ्रष्टाचार ।। 2।।
दीवारों के कान हैं
पूरा सच यों जान ।
कान संग दीवार में
चुगलीखोर जुबान ।।4।।
पत्नी के मन में मिलीं,
दो इच्छाएँ खास ।
बेटा श्रवण कुमार हो,
पति हो तुलसीदास ।। 3 ।।
यह सच्चाई जानकर,
आज गये सब काँप ।
कौआ काटे झूठ पर,
सत्य कहो तो साँप ।।5 ।।
-सुरेन्द्र दुबे (जयपुर)
सम्पर्क : 0141-2757575
मोबाइल : 98290-70330
ईमेल : kavidube@gmail.com
मन अर्जुन है जान ।
गोविन्द ही हैं आत्मा,
यह भी गीता-ज्ञान ।।1।।
सुखी रहो आनन्द में,
जीओ बरस हजार ।
तुम ऐसे फूलो-फलो
जैसे भ्रष्टाचार ।। 2।।
दीवारों के कान हैं
पूरा सच यों जान ।
कान संग दीवार में
चुगलीखोर जुबान ।।4।।
पत्नी के मन में मिलीं,
दो इच्छाएँ खास ।
बेटा श्रवण कुमार हो,
पति हो तुलसीदास ।। 3 ।।
यह सच्चाई जानकर,
आज गये सब काँप ।
कौआ काटे झूठ पर,
सत्य कहो तो साँप ।।5 ।।
-सुरेन्द्र दुबे (जयपुर)
सम्पर्क : 0141-2757575
मोबाइल : 98290-70330
ईमेल : kavidube@gmail.com
0 comments:
Post a Comment