मुद्दा
पापाचार
बिजली-पानी औ' सड़क, आरक्षण-रोजगार।हमें कहा तुम तो करो, इन मुद्दों से प्यार।।
कैसा पापाचार! टिकट बाँटा अपनों को।
हम क्योंकर साकार करें उनके सपनों को?
-सुरेन्द्र दुबे (जयपुर)
मेरी प्रकाशित पुस्तक
'कुर्सी तू बड़भागिनी'
में प्रयुक्त नवछंद- कुण्डल
सम्पर्क : 0141-2757575
मोबाइल : 98290-70330
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