Monday, September 28, 2015

कुर्सी तू बड़भागिनी - 10

तीसरा मोर्चा


थर्ड-फोर्स

रोटी के मिस जूझते, दो बन्दर जब हाय।
पड़कर उनके बीच में, कर देती जो न्याय।।
पूरी रोटी खाय, उड़ाओ चाहे खिल्ली।
राजनीति में थर्ड फोर्स होती वह बिल्ली।।

जुगाड़ू

दो पाटों के बीच में, साबुत जो रह जाय।
माथे देख चुनाव को बदले अपनी राय।।
कभी नहीं शर्माय, खिलाड़ी परम जुगाडू।
होते ऐसे लोग हमेशा गणित बिगाडू।।

दागी-बागी

अपने दल से आप जो, खा बैठे हो खार।
स्वागत में तत्पर खड़ा, थर्ड फ्रन्ट तैयार।।
समझो सच्चा सार, सुनो सब दागी-बागी।
आओ जिस-जिसने अपनी निष्ठाएँ त्यागी।।

जादूगर

चाहे जिसकी जीत हो, चाहे जिसकी हार।
हमें हमेशा चाहिए, झण्डे वाली कार।
हम जादूगर यार, हमेशा लोकतंत्र के।।
चमत्कार हर रोज करेंगे बिना मंत्र के।।

-सुरेन्द्र दुबे (जयपुर)




मेरी प्रकाशित पुस्तक
'कुर्सी तू बड़भागिनी'
में प्रयुक्त नवछंद- कुण्डल

सम्पर्क : 0141-2757575
मोबाइल : 98290-70330
ईमेल : kavidube@gmail.com

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