फंडिंग
पास नहीं हो वित्त तो, चारों खाने चित्त।।
नहीं नियोजित हित्त, टिकट कैसे वह पाए।
बिना वित्त के नित्त, सड़क पर धक्के खाए।।
यहाँ आम के आम हैं, गुठली तक के दाम।।
खूब कमाएँ नाम, दाम ले जाएँ सारे।
जीते-हारे लोग सभी एजेण्ट हमारे।।
दूर करेगा कल यही, अपने सारे क्लेश।।
समझ सत्य सन्देश, अभी जाकर खाने दे।
मैं लूटूँगा देश विधायक बन जाने दे।।
सेकेंगे हम रोटियां, फिर से जले अलाव।।
खूब बढ़ाओ भाव मगर बनना मत अन्धा।
दुगुना करें वसूल यही है अपना धन्धा।।
-सुरेन्द्र दुबे (जयपुर)
मेरी प्रकाशित पुस्तक
'कुर्सी तू बड़भागिनी'
में प्रयुक्त नवछंद- कुण्डल
सम्पर्क : 0141-2757575
मोबाइल : 98290-70330
ईमेल : kavidube@gmail.com
वित्त
सबसे ज्यादा कीमती, है चुनाव में वित्त।पास नहीं हो वित्त तो, चारों खाने चित्त।।
नहीं नियोजित हित्त, टिकट कैसे वह पाए।
बिना वित्त के नित्त, सड़क पर धक्के खाए।।
एजेण्ट
सबको चन्दा बाँटना, अपना पहला काम।यहाँ आम के आम हैं, गुठली तक के दाम।।
खूब कमाएँ नाम, दाम ले जाएँ सारे।
जीते-हारे लोग सभी एजेण्ट हमारे।।
निवेश
चन्दा दिया चुनाव में, यह भी एक निवेश।दूर करेगा कल यही, अपने सारे क्लेश।।
समझ सत्य सन्देश, अभी जाकर खाने दे।
मैं लूटूँगा देश विधायक बन जाने दे।।
अलाव
धन कुबेर कहने लगे, आया निकट चुनाव।सेकेंगे हम रोटियां, फिर से जले अलाव।।
खूब बढ़ाओ भाव मगर बनना मत अन्धा।
दुगुना करें वसूल यही है अपना धन्धा।।
-सुरेन्द्र दुबे (जयपुर)
मेरी प्रकाशित पुस्तक
'कुर्सी तू बड़भागिनी'
में प्रयुक्त नवछंद- कुण्डल
सम्पर्क : 0141-2757575
मोबाइल : 98290-70330
ईमेल : kavidube@gmail.com
0 comments:
Post a Comment