मंत्री
अनुमान
देखा पुलिस जमावड़ा, हुआ हमें यह भान।आतंकी के विरुद्ध है, यह कोई अभियान।।
गलत हुआ अनुमान, तभी बोले संत्री जी।
आतंकी क्या चीज, आ रहे हैं मंत्री जी।।
धूल
धूल उड़ाती बढ़ गई, मंत्री जी की कार।धूल उड़ाने को हुआ, है शायद अवतार।।
बहुत तेज रफ्तार, महकमें कहते भाई।
मंत्री बन सरकार! आपने धूल उड़ाई।।
खादी
काले-काले काम हैं, जनसेवा की ओट।राजनीति में आ गई, यह गरिमामय खोट।।
कच्ची जिनकी लँगोट, उन्हें पूरी आजादी।
छिप जाएँगे दाग पहनते रहिए खादी।।
स्थान
रखें न पाँव जमीन पर, मंत्री मालामाल।जनता ने पहुँचा दिया, इसीलिए पाताल।।
करके यों बदहाल, साफ कर दिया इशारा।
पुरातत्व में सदा सुरक्षित स्थान तुम्हारा।।
-सुरेन्द्र दुबे (जयपुर)
मेरी प्रकाशित पुस्तक
'कुर्सी तू बड़भागिनी'
में प्रयुक्त नवछंद- कुण्डल
सम्पर्क : 0141-2757575
मोबाइल : 98290-70330
ईमेल : kavidube@gmail.com
0 comments:
Post a Comment